Tuesday, November 27, 2018

वर्ल्ड कप के मैच 194 देशों में देखे जाएंगे, पिछले संस्करण के मुकाबले 150% ज्यादा

ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट के मैच विश्व के 194 देशों में प्रसारित किए जाएंगे। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की ओर से जारी बयान में कहा कि 2014 में हुए पिछले संस्करण की तुलना में इसके प्रसारण में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एफआईएच ने कहा, 'इस टूर्नामेंट के मैचों का प्रसारण 30 ब्रॉडकॉस्टर करेंगे। यह चार साल पहले हुए इस टूर्नामेंट के प्रसारणकर्ताओं की संख्या से दोगुना ज्यादा है।'

यू-ट्यूब पर भी देख सकते हैं मैच
एफआईएच ने बताया कि जिन क्षेत्रों में मीडिया अधिकार काम नहीं कर रहे हैं, वे एफआईएच यू-ट्यूब चैनल के जरिए इसके मैच देख सकते हैं। इस मौके पर एफआईएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेल ने कहा, "यह हमारी क्षमता और लक्ष्य है कि हम हॉकी के प्रति लोगों का आकर्षण बनाए रखें। हॉकी मैचों के प्रसारण वाले देशों की संख्या में हुए इजाफे से इस खेल के प्रशंसकों की संख्या भी बढ़ेगी। यह हॉकी के खेल को और भी बड़े स्तर पर ले जाएगा।"

टूर्नामेंट में 16 टीमें भाग ले रही हैं
भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 28 नवंबर से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में नौ दिसंबर तक ग्रुप स्तर के मुकाबले खेले जाएंगे। टूर्नामेंट में कुल 16 टीमें भाग ले रही हैं। इन्हें चार पूल ए, बी, सी और डी में बांटा गया है। 10 और 11 दिसंबर को क्रॉस-ओवर मैच खेले जाएंगे। 12 और 13 दिसंबर को क्वार्टर फाइनल मैच खेले जाएंगे। दोनों सेमीफाइनल 15 दिसंबर, जबकि खिताबी मुकाबला 16 दिसंबर को होगा। 

मंगलवार को भुवनेश्वर के सभी स्कूल बंद
ओडिशा सरकार ने मंगलवार को पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप के उद्घाटन समारोह तक भुवनेश्वर के सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राजधानी के सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को बंद रहेंगे, जबकि दोपहर 1:30 बजे के बाद राज्य भर के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। इसी तरह, भुवनेश्वर समेत राज्य भर में स्थित सभी सरकारी कार्यालय 1:30 बजे से उद्घाटन समारोह के खत्म होने तक बंद रहेंगे।

योजना के तहत वर्ष 2005 से पहले की बिजली बिल की बकाया राशि माफ की जाएगी। 2005 से जून-2018 तक के बिलों के मामले में ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू कनेक्शन के लिए 40 यूनिट प्रति किलोवाट प्रति माह की दर से राशि ली जाएगी। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्र के घरेलू कनेक्शनधारक से 50 यूनिट प्रति किलोवाट प्रति माह की दर से बकाया बिलों का निपटारा किया जाएगा। गैर घरेलू कनेक्शन के मामले में ग्रामीण क्षेत्र में 75 यूनिट प्रति किलोवाट प्रति माह की दर से तथा गैर घरेलू शहरी कनेक्शनधारक से 150 यूनिट प्रति किलोवाट प्रति माह की दर से लमसम राशि ली जाएगी। बीपीएल परिवारों से यह राशि केवल एक साल की ली जाएगी। यह योजना 20 किलोवाट तक बिजली लोड वाले ग्राहकों के लिए है।

6 में से 5 करोड़ रुपए का बिल हो गया माफ : बिजली निगम के कोसली कार्यकारी अभियंता ने बताया कि प्रदेश में पहली बार बिजली उपभोक्ताओं के लिए इस तरह की स्कीम आई है। उपभोक्ताओं को 80-80 फीसदी तक बिल माफ हो रहा है। योजना के जुडे उपभोक्ताओं का 6 करोड़ में 5 करोड़ रुपए का बिल माफ किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला में 36 हजार से ज्यादा डिफाल्टर उपभोक्ता हैं। धारुहेड़ा एक्सईएन अविनाश यादव का कहना है कि उपभोक्ताओं के लिए इस योजना का लाभ देने के लिए अलग से डेस्क की व्यवस्था की गई है। उपभोक्ताओं को सस्ती दरों का लाभ भी बकाया राशि जमा करने के बाद ही मिल पाएगा। 

Tuesday, November 13, 2018

मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर की, 19 को सुनवाई

 2002 के गुजरात दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से क्लीन चिट मिलने के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर ली है। इस पर 19 नवंबर को सुनवाई होगी। गोधराकांड के बाद अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में भी हिंसा हुई थी। इसमें कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी जकिया जाफरी ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है

साबरमती ट्रेन के कोच में आगजनी के बाद भड़के थे दंगे
27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए ज्यादातर लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे। इनमें करीब 1000 लोगों की जान चली गई थी।

गोधराकांड के अगले दिन 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगाइयों ने कांग्रेस सांसद जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी थी। घटना के बाद सोसायटी से 39 लोगों के शव मिले थे। बाकी 30 लोगों के शव नहीं मिलने पर 7 साल बाद उन्हें मृत मान लिया गया था।

गुलबर्ग सोसायटी में 28 बंगले और 10 अपार्टमेंट हैं। गुजरात दंगों से जो इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे, गुलबर्ग सोसायटी उनमें से एक थी। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी ने गुलबर्ग सोसायटी केस की दोबारा जांच की थी। एसआइटी ने इस मामले में 66 लोगों को गिरफ्तार किया था। 

जकिया जाफरी का आरोप है कि दंगा भड़कने के दौरान उनके पति वरिष्ठ नेताओं और पुलिस अफसरों को फोन करते रहे, लेकिन गुलबर्ग साेसायटी तक मदद नहीं पहुंची और दंगाइयों को रोका नहीं जा सका।

दंगों के वक्त मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। एसआईटी ने 8 फरवरी 2012 को क्लोजर रिपोर्ट दायर की। इसमें नरेंद्र मोदी और अन्य अफसरों को क्लीन चिट दी गई। इसके खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका को दिसंबर 2013 में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट और 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था।